baba ramdev kumbh news live:- बाबा रामदेव का नया बयान उमड़े जनसैलाब के बीच

baba ramdev kumbh: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में उमड़े जनसैलाब के बीच भगदड़ की घटनाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। इसी संदर्भ में योगगुरु बाबा रामदेव ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा,

“धर्म का पहला लक्षण ही धैर्य है। इस महापर्व में अनुशासन बनाए रखना अति आवश्यक है।”

baba ramdev kumbh: बाबा रामदेव ने क्या कहा?

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बाबा रामदेव ने स्नान के अनुभव को साझा करते हुए कहा,

“कुंभ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि दैवीय शक्तियों का संयोग है। जब हमने भोर में स्नान किया, तो यह एक आध्यात्मिक अनुभव था, जहां शरीर की अनुभूति से परे होकर आत्मिक ऊर्जा का आभास हुआ। हालांकि, भगदड़ की खबर सुनकर मन व्यथित हो गया, लेकिन यह राहत की बात है कि स्थिति अब नियंत्रण में है।”

प्रशासन पर उठे सवाल

कुंभ मेले में आई भगदड़ की घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पर बाबा रामदेव ने कहा,

“प्रशासन, शासन और सभी व्यवस्थाओं के बावजूद आत्म-अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। जब करोड़ों श्रद्धालु एक साथ आते हैं, तो हर किसी को संयम और धैर्य बनाए रखना चाहिए। आपाधापी से बचें और कुंभ के मूल उद्देश्य को समझें।”

संगम स्नान की महिमा

महाकुंभ के दौरान संगम स्नान का विशेष महत्व होता है। इस पर बाबा रामदेव ने कहा,

“श्रद्धालु संगम तक पहुंचने की तीव्र इच्छा रखते हैं, क्योंकि इसके पीछे ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएँ जुड़ी हैं। जिस प्रकार मुस्लिम समुदाय मक्का-मदीना और ईसाई समुदाय वेटिकन सिटी को पवित्र मानता है, उसी तरह हिंदू धर्म में संगम स्नान को मोक्षदायी माना जाता है। लेकिन श्रद्धालुओं को यह समझना चाहिए कि संगम का जल प्रवाह पूरे क्षेत्र में समान रूप से पवित्र है। अतः जहां भी स्नान करें, वही पुण्यदायी होगा।”

सनातन धर्म का संदेश

सनातन धर्म के महत्व पर बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा,

“सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक जीवन शैली है। हमें इसके मूल सिद्धांतों जैसे अहिंसा, सत्य और एकता को अपनाना चाहिए। सभी सनातन धर्म प्रेमियों को इसे अपने जीवन में आत्मसात कर प्रसार करना चाहिए।”

महाकुंभ 2025: क्या करें, क्या न करें

  • धैर्य बनाए रखें – भगदड़ से बचने के लिए अनुशासन का पालन करें।
  • प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें – भीड़भाड़ वाले इलाकों में संयम बरतें।
  • संगम स्नान के विकल्प अपनाएं – जहां भी गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम प्रवाहित हो, वहां स्नान करें।
  • सावधानी रखें – किसी भी अफवाह से बचें और सतर्क रहें।

kumbh news :- बाबा रामदेव ने क्या कहा? know Now

baba ramdev kumbh: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में उमड़े जनसैलाब के बीच भगदड़ की घटनाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। इसी संदर्भ में योगगुरु बाबा रामदेव ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा,

“धर्म का पहला लक्षण ही धैर्य है। इस महापर्व में अनुशासन बनाए रखना अति आवश्यक है।”

baba ramdev kumbh: बाबा रामदेव ने क्या कहा?

baba ramdev kumbh: बाबा रामदेव ने स्नान के अनुभव को साझा करते हुए कहा,

“कुंभ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि दैवीय शक्तियों का संयोग है। जब हमने भोर में स्नान किया, तो यह एक आध्यात्मिक अनुभव था, जहां शरीर की अनुभूति से परे होकर आत्मिक ऊर्जा का आभास हुआ। हालांकि, भगदड़ की खबर सुनकर मन व्यथित हो गया, लेकिन यह राहत की बात है कि स्थिति अब नियंत्रण में है।”

baba ramdev kumbh: प्रशासन पर उठे सवाल

baba ramdev kumbh: कुंभ मेले में आई भगदड़ की घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पर बाबा रामदेव ने कहा,

“प्रशासन, शासन और सभी व्यवस्थाओं के बावजूद आत्म-अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। जब करोड़ों श्रद्धालु एक साथ आते हैं, तो हर किसी को संयम और धैर्य बनाए रखना चाहिए। आपाधापी से बचें और कुंभ के मूल उद्देश्य को समझें।”

baba ramdev kumbh: संगम स्नान की महिमा

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baba ramdev kumbh: महाकुंभ के दौरान संगम स्नान का विशेष महत्व होता है। इस पर बाबा रामदेव ने कहा,

“श्रद्धालु संगम तक पहुंचने की तीव्र इच्छा रखते हैं, क्योंकि इसके पीछे ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएँ जुड़ी हैं। जिस प्रकार मुस्लिम समुदाय मक्का-मदीना और ईसाई समुदाय वेटिकन सिटी को पवित्र मानता है, उसी तरह हिंदू धर्म में संगम स्नान को मोक्षदायी माना जाता है। लेकिन श्रद्धालुओं को यह समझना चाहिए कि संगम का जल प्रवाह पूरे क्षेत्र में समान रूप से पवित्र है। अतः जहां भी स्नान करें, वही पुण्यदायी होगा।”

baba ramdev kumbh: सनातन धर्म का संदेश

baba ramdev kumbh: सनातन धर्म के महत्व पर बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा,

“सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक जीवन शैली है। हमें इसके मूल सिद्धांतों जैसे अहिंसा, सत्य और एकता को अपनाना चाहिए। सभी सनातन धर्म प्रेमियों को इसे अपने जीवन में आत्मसात कर प्रसार करना चाहिए।”

महाकुंभ 2025: क्या करें, क्या न करें

  • धैर्य बनाए रखें – भगदड़ से बचने के लिए अनुशासन का पालन करें।
  • प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें – भीड़भाड़ वाले इलाकों में संयम बरतें।
  • संगम स्नान के विकल्प अपनाएं – जहां भी गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम प्रवाहित हो, वहां स्नान करें।
  • सावधानी रखें – किसी भी अफवाह से बचें और सतर्क रहें।

baba ramdev kumbh: महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे इस महायोजन में धैर्य और अनुशासन के साथ भाग लें, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। बाबा रामदेव की यह अपील सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि धर्म का मूल आधार धैर्य और अनुशासन है।

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