Mahakumbh Mela Stampede: प्रयागराज। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नगरी प्रयागराज में आस्था की बाढ़ उमड़ पड़ी। करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य स्नान के लिए पहुंचे। हर तरफ भक्तों की भीड़ नजर आई। हालाँकि, इस दौरान एक हादसा भी हुआ जब अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। प्रशासन ने तुरंत मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
Mahakumbh Mela Stampede: भगदड़ के बाद भी जारी रहा स्नान
Mahakumbh Mela Stampede: मौनी अमावस्या पर आधी रात से ही श्रद्धालुओं का संगम तट पर आना शुरू हो गया था। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई जगहों पर रास्ते जाम हो गए। दोपहर करीब 2 बजे एक स्थान पर भगदड़ मच गई, जिससे कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता दी गई और उन्हें मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया। प्रशासन की ओर से 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी और 300 से अधिक डॉक्टरों को तैनात किया गया था ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
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प्रशासन की तत्परता से नियंत्रण में आई स्थिति
Mahakumbh Mela Stampede: घटना के तुरंत बाद पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मार्गदर्शन किया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम घाट पर अधिक भीड़ न करें और अन्य घाटों पर भी स्नान करें। इसके साथ ही नागा संन्यासियों और अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वरों के स्नान मार्ग को आम जनता के लिए खोल दिया गया, जिससे भीड़ का दबाव कम हुआ।
अखाड़ा परिषद ने किया स्नान निरस्त
अखाड़ा परिषद के संतों ने जनहित में बड़ा फैसला लेते हुए मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान को निरस्त कर दिया। परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी जी महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे जहाँ भी गंगा और यमुना का जल उपलब्ध हो, वहीं स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करें। उन्होंने कहा, “भगवान की कृपा सभी पर बनी रहेगी, इसलिए भीड़ से बचकर ही स्नान करें।” उनके इस निर्णय से प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में काफी मदद मिली।
10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान
Mahakumbh Mela Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अनुमान है कि मौनी अमावस्या के दिन लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचे। प्रशासन के अनुसार, रात तक और अधिक भक्तों के आने की संभावना है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।
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संगम तट पर अब स्थिति सामान्य
Mahakumbh Mela Stampede: अब संगम तट पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रित कर दी गई है। स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु धीरे-धीरे घाटों पर पहुंच रहे हैं और स्नान करके वापस लौट रहे हैं। प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए प्रयासरत है। नागा संन्यासियों के स्नान मार्ग को आम जनता के लिए खोलने से भीड़ का दबाव काफी कम हुआ है।
श्रद्धालुओं से अपील महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे जहां भी गंगा या यमुना का जल उपलब्ध हो, वहीं स्नान करें। इससे संगम तट पर भीड़ का दबाव कम होगा और कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। अखाड़ा परिषद के संतों और प्रशासन ने भी यही संदेश दिया कि आस्था का लाभ हर जगह लिया जा सकता है, केवल संगम तट पर ही नहीं।
Mahakumbh Mela Stampede: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का यह भव्य आयोजन ऐतिहासिक बन गया। करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। हालांकि भगदड़ की घटना चिंता का विषय रही, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी और अखाड़ा परिषद के निर्णय से स्थिति को तुरंत नियंत्रण में ले लिया गया। प्रयागराज में अभी भी श्रद्धालुओं का आना जारी है और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि सबकुछ सुचारू रूप से चलता रहे।
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