Anita Anand: कनाडा की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। भारतीय मूल की अनीता आनंद को देश की नई विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा की गई बड़ी कैबिनेट फेरबदल के तहत यह नियुक्ति की गई है।
इस क्षण को और भी खास बना दिया जब अनीता आनंद ने अपने पद की शपथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली — जो कि हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है। यह उनकी सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है।
Anita Anand– एक प्रेरणादायक सफर
अनीता आनंद एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। इससे पहले वे राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं। उनकी शिक्षित पृष्ठभूमि और समर्पित जनसेवा ने उन्हें कनाडाई राजनीति में एक प्रभावशाली स्थान दिलाया है।
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प्रधानमंत्री का रणनीतिक फेरबदल- Anita Anand
यह कैबिनेट फेरबदल प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें वे कनाडा की वैश्विक भूमिका को फिर से परिभाषित करना चाहते हैं। अब जबकि अनीता आनंद विदेश मंत्रालय की कमान संभालेंगी, पूर्व विदेश मंत्री मेलानी जोली को उद्योग मंत्रालय सौंपा गया है। इससे सरकार की आर्थिक सुधार और नवाचार पर फोकस स्पष्ट होता है।
भारतीय मूल के नागरिकों के लिए गर्व का क्षण
कनाडा की संसद में फिलहाल 22 भारतीय मूल के सांसद मौजूद हैं। ऐसे में अनीता आनंद का विदेश मंत्री बनना भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। यह दिखाता है कि अब बहुसांस्कृतिक नेतृत्व सिर्फ सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन रहा है।
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आगे क्या? – Anita Anand
अब विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। वे कनाडा की विदेश नीति, व्यापार संबंधों, और वैश्विक साझेदारियों को दिशा देंगी। उनसे उम्मीद है कि वे एक समावेशी और प्रभावशाली कूटनीतिक दृष्टिकोण सामने लाएंगी।
निष्कर्ष: यह सिर्फ एक नई नियुक्ति नहीं, बल्कि विविधता, प्रतिनिधित्व और वैश्विक नेतृत्व में बदलाव का संकेत है। अनीता आनंद की यह ऐतिहासिक उपलब्धि ना सिर्फ कनाडा के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है।